Record Label
Jagdish Vaishnav
बुढापो दोरो रे
Prakash ji
हंसा निकल गया काया से
Prakash Amesar
बार बार वंदना
Prakash Das Ji Maharaj
जो कोई आवे साधु संगत में
मारा सतगुरु आंगन आया
बिणजारी रे