Play
Prakash Chandra
जो भी मिला खाली-खाली
कभी आशा कभी निराशा
दुआओं में अभी असर है
अय ज़िंदगी तू दो टूक है
दिखे तू ही तू
न पूछो हमसे
आंखों के झरोखे में
सैर-सपाटे पे निकलें हम
तन्हा तन्हा ये सफ़र