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Nawaz Ali Rind
गल गूलाबी गलिया ताजा चदर रो टुकड़ों
हंसे हंसे हूं बोला कोनी मंजो कोई साथी
सिंध में दाड़ी शूरों री
पयो शोर जोवा थारी अंखियां में
आयल इंडिया रही
रोए रोए मुला जानिडा़